मुख्यमंत्री के चौपाल दौरे से लोगों में निराशा, स्थानीय विधायक भी मांगे मनवाने में रहे नाकाम : रजनीश किमटा चौपाल : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे से चौपाल निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के हाथ निराशा ही लगी है। किमटा ने कहा कि चौपाल के विधायक सरकार के समक्ष क्षेत्र की मांगों को मनवाने में पूरी तरह से बिफल रहे हैं। बता दें कि चौपाल क्षेत्र के लिए कोई नई घोषणाएं नहीं हुई, इससे लोगों के हाथ मायूसी ही लगी है। मुख्यमंत्री दौरे के दौरान जिन परियोजनाओं के उद्घाटन हुए वो पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में शुरू किए गए थे। वहीं जो कुछ शिलान्यास हुए हैं, उनके लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। रजनीश किमटा ने स्थानीय विधायक बलवीर वर्मा पर हमला बोलते हुआ कहा कि वे पांच सालों में सरकार से चौपाल विधानसभा क्षेत्र के लिए विकास नही कर पाए। इससे चौपाल विकास के में पिछड़ता चला गया। संपूर्ण चौपाल क्षेत्र में सड़कों की हालात बदतर हो गई है। जिसके कारण सेब सीजन में लोगों को अपनी फसल मार्केट तक पहुंचाने में दिक्कत पेश आई। उन्होंने कहा कि विधायक सड़कों को दुरूस्त करवाने में नाकाम रहे। सड़कों की खराब हालात को देखते हुए स्थानीय विधायक ने हवाई दौरा करवाकर मुख्यमंत्री को इलाके की वस्तु स्थिति से अनजान रखा। प्रदेश महासचिव ने चौपाल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर स्थिति पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर चुकी है। चौपाल और नेरवा के अस्पतालों को सिविल अस्पताल का दर्जा तो दिया गया , मगर सुविधाएं प्रथमिक स्तर की हुई है। अभी तक इन अस्पतालों में अल्ट्रा साउंड की सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है। किमटा की माने तो उनका ये कहना है कि बुधवार को नेरवा में हुए कार्यक्रम में स्थानीय विधायक ने लोगों को लुभाने का प्रयास कर कार्यक्रम में भीड़ जुटाने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं कार्यक्रम के लिए सरकारी मशीनरी का भी दुरूपयोग किया। बसों को रैली में लोगों को लाने के लिए लगाया गया, जिससे हालत यह रही कि अधिकतर बस रूटों को निरस्त किया गया, जिससे लोग खासे परेशान हुए। उधर कार्यक्रम में आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, मनरेगा मजदूर और लाभार्थियों को लाकर भीड़ इकट्ठा करने का विधायक ने असफल प्रयास किया। लोगों के लिए बड़ी सौगातें दिलाने का आश्वासन विधायक ने दिया, मगर मुख्यमंत्री से किसी भी मांग को मनवाने में वे असफल रहे। रजनीश ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव और हिमाचल स्थपना के 75 साल पूर्ण होने वाले इस कार्यक्रम में 50 लाख से भी ज्यादा का खर्च किया गया है,जिसका अतिरिक्त बोझ प्रदेश की आम जनता पर पड़ेगा। प्रदेश की वर्तमान सरकार से आम जनता का मोह भंग चुका है, यही वजह है कि एक माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाएगी
मुख्यमंत्री के चौपाल दौरे से लोगों में निराशा, स्थानीय विधायक भी मांगे मनवाने में रहे नाकाम : रजनीश किमटा
व्यूरों न्यूज़ लाइव7 शिमला : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे से चौपाल निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के हाथ निराशा ही लगी है। किमटा ने कहा कि चौपाल के विधायक सरकार के समक्ष क्षेत्र की मांगों को मनवाने में पूरी तरह से बिफल रहे हैं। बता दें कि चौपाल क्षेत्र के लिए कोई नई घोषणाएं नहीं हुई, इससे लोगों के हाथ मायूसी ही लगी है।
मुख्यमंत्री दौरे के दौरान जिन परियोजनाओं के उद्घाटन हुए वो पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में शुरू किए गए थे। वहीं जो कुछ शिलान्यास हुए हैं, उनके लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
रजनीश किमटा ने स्थानीय विधायक बलवीर वर्मा पर हमला बोलते हुआ कहा कि वे पांच सालों में सरकार से चौपाल विधानसभा क्षेत्र के लिए विकास नही कर पाए। इससे चौपाल विकास के में पिछड़ता चला गया। संपूर्ण चौपाल क्षेत्र में सड़कों की हालात बदतर हो गई है। जिसके कारण सेब सीजन में लोगों को अपनी फसल मार्केट तक पहुंचाने में दिक्कत पेश आई। उन्होंने कहा कि विधायक सड़कों को दुरूस्त करवाने में नाकाम रहे। सड़कों की खराब हालात को देखते हुए स्थानीय विधायक ने हवाई दौरा करवाकर मुख्यमंत्री को इलाके की वस्तु स्थिति से अनजान रखा।
प्रदेश महासचिव ने चौपाल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर स्थिति पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर चुकी है। चौपाल और नेरवा के अस्पतालों को सिविल अस्पताल का दर्जा तो दिया गया , मगर सुविधाएं प्रथमिक स्तर की हुई है। अभी तक इन अस्पतालों में अल्ट्रा साउंड की सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है।
किमटा की माने तो उनका ये कहना है कि बुधवार को नेरवा में हुए कार्यक्रम में स्थानीय विधायक ने लोगों को लुभाने का प्रयास कर कार्यक्रम में भीड़ जुटाने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं कार्यक्रम के लिए सरकारी मशीनरी का भी दुरूपयोग किया। बसों को रैली में लोगों को लाने के लिए लगाया गया, जिससे हालत यह रही कि अधिकतर बस रूटों को निरस्त किया गया, जिससे लोग खासे परेशान हुए। उधर कार्यक्रम में आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, मनरेगा मजदूर और लाभार्थियों को लाकर भीड़ इकट्ठा करने का विधायक ने असफल प्रयास किया। लोगों के लिए बड़ी सौगातें दिलाने का आश्वासन विधायक ने दिया, मगर मुख्यमंत्री से किसी भी मांग को मनवाने में वे असफल रहे।
रजनीश ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव और हिमाचल स्थपना के 75 साल पूर्ण होने वाले इस कार्यक्रम में 50 लाख से भी ज्यादा का खर्च किया गया है,जिसका अतिरिक्त बोझ प्रदेश की आम जनता पर पड़ेगा। प्रदेश की वर्तमान सरकार से आम जनता का मोह भंग चुका है, यही वजह है कि एक माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाएगी।