
नेरवा में ऐतिहासिक महायज्ञ का समापन, ज्ञान रूपी सागर में हजारों ने लगाई डुबकी
राजपूत राज त्यागी
नेरवा व्यापार मंडल,भगवती डूंडी माता मंदिर कमेटी व तहसील नेरवा के सभी लोगों के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का रविवार को विधिवत समापन हुआ। जिसमें नेरवा चौपाल व कुपवी के अतिरिक्त उत्तराखंड से हजारों लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार भागवत समापन से एक रोज पूर्व शनिवार को भक्तों की संख्या 20 हजार तक पहुंच गई थी। रविवार को भी हजारों लोग इस ऐतिहासिक भागवत समापन के साक्षी बने। बता दें कि आयोजक समिति ने राजकीय महाविद्यालय खेल मैदान नेरवा में लगभग 6 हजार लोगों के लिए पंडाल बनाया था। लेकिन कथा शुरू होने के दो रोज बाद ही पंडाल छोटा पड़ गया। 7 दिनों तक हजारों लोग पंडाल के भीतर और बाहर तपती धूप में कथा का श्रवण करते रहे। यदि भागवत में बेहतरीन व्यवस्था की बात करें तो आयोजकों की ओर से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2 स्थान पर मीठे और ठंडे शरबत की व्यवस्था की गई थी। प्रतिदिन भंडारा लगाया गया। हजारों लोग प्रसाद ग्रहण कर घर लौटते।भागवत में शिरकत कर रहे हजारों लोगों को आयोजकों द्वारा (डिस्पोजल) पातलों के स्थान पर प्लेट और गिलास में भोजन खिलाया गया था। चौपाल नेरवा के स्वयंसेवियों द्वारा स्वेच्छा से प्लेट गिलास धोने का कार्य किया गया। इतना ही नहीं कुछ युवाओं द्वारा भागवत में आने वाले श्रद्धालुओं के जूतों को व्यवस्थित ढंग से रखना उसकी देखरेख करने का कार्य भी स्वेच्छा से किया गया। उधर वृंदावन धाम के सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी द्वारा ज्ञान रूपी गंगा का व्याख्यान किया गया। वे रोजाना सुबह 10 बजे से 3 बजे तक प्रवचन करते रहे इसके अतिरिक्त रात को 7 से 10 बजे तक कुल्लू से बुलाई गई कीर्तन मंडली,भजन कीर्तन कर माहौल को पूर्ण रूप से भक्तिमय बनाते रहे। शनिवार को भागवत स्थल नेरवा में निकटवर्ती गांव रेंजट से देवता विजट महाराज,धारटुआ व चिलराना से देवी माता तथा नेरवा से अधिष्ठात्री भगवती डूंडी माता भी आयोजकों के आग्रह पर उन्हें आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे। उधर व्यापार मंडल नेरवा के अध्यक्ष राजीव भिखटा व अधिष्ठात्री शक्तिपीठ डूंडी माता के अध्यक्ष बलदेव शिषटू ने व्यापार मंडल, मंदिर कमेटी व तहसील की समस्त जनता को विशाल देवी कार्य के सफलतापूर्वक समापन की बधाई दी है, तथा सभी का महायज्ञ में यथासंभव सहयोग करने के लिए आभार भी प्रकट किया है।